भदोही। उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में मुकदमा लिखवाने वाले ही हत्याकांड के प्रमुख सूत्रधार निकले। बुधवार को हत्या के इस सनसनीखेज मामले का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने मुकदमा लिखवाने वाले पक्ष के तीन लोगों गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
अपर पुलिस अधीक्षक डॉक्टर तेजवीर सिंह ने बताया कि 30 मई 2024 की रात्रि में जिले की सदर कोतवाली अंतर्गत लालानगर-ज्ञानपुर मार्ग स्थित ग्राम हरिहरपुर, शुकुलपुर में हमलावरों ने शेषधर (55) पुत्र रामअक्षैवर शुक्ला, राकेश (35) पुत्र राममूर्ति शुक्ला व अनीश शुक्ला (40) पुत्र विंध्यवासिनी शुक्ला को लाठी डंडा से हमला कर व गोली मारकर घायल कर दिया था। घायलों को तत्काल ईलाज हेतु जिला अस्पताल ज्ञानपुर भेजा गया था, जहां चिकित्सकों द्वारा शेषधर शुक्ला को मृत घोषित कर दिया था। जबकि अन्य घायलों को बीएचयू के ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया था। मामले में वादी मुकदमा मिथिलेश शुक्ला पुत्र राममूर्ति शुक्ला निवासी हरिहरपुर से प्राप्त तहरीर के आधार पर 14 नामजद व 5 अज्ञात के विरुद्ध पुलिस द्वारा हत्या सहित अन्य सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना की कार्रवाई शुरू की गई।
डॉ0 मीनाक्षी कात्यायन पुलिस अधीक्षक भदोही द्वारा घटना के सफल अनावरण हेतु पुलिस टीमों का गठन कर घटना के पर्दाफाश व हत्यारोपियों की तत्काल गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए थे। बुधवार को मामले का अनावरण करते हुए पुलिस ने हत्या के वास्तविक आरोपियों का पर्दाफाश करते हुए तीन लोगों को चकवा चंदेल नहर की पुलिया थाना क्षेत्र ज्ञानपुर के पास से गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने बताया कि पुलिस टीमों द्वारा निष्पक्ष जांच व साक्ष्य संकलन की कार्यवाही के दौरान पाया गया कि तथाकथित पीड़ित व वादी मुकदमा पक्ष के ही लोग हत्याकांड के सुत्रधार हैं। जबकि वादी मुकदमा द्वारा पंजीकृत कराए गए अभियोग से सम्बंधित नामजद अभियुक्तों की घटना में संलिप्तता नहीं पाई गई। जांच के दौरान वादी मुकदमा पक्ष के ही कुल 5 अभियुक्त प्रकाश में आए हैं। पुलिस द्वारा वादी मुकदमा पक्ष के तीन लोगों को चकवा चंदेल छोटी पुलिया थाना ज्ञानपुर के पास से गिरफ्तार करते हुए शेष की तलाश शुरू कर दी।
पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्तों ने पुलिस को बताया कि पूर्व में हुई त्रिवेणी शुक्ला की हत्या की घटना में जिला कारागार ज्ञानपुर में निरुद्ध अपने परिजनों को मुकदमे का लाभ पहुंचाने व सुलह कराने के उद्देश्य से षड्यंत्र के तहत उनके द्वारा घटना को अंजाम दिया गया था। वादी मुकदमा मिथिलेश शुक्ला द्वारा स्वयं तथाकथित पीड़ित बनकर पुलिस को गुमराह करने के लिए विरोधी पक्ष के लोगों के विरुद्ध नामजद अभियोग दर्ज कराया था





