भदोही। लोकसभा चुनाव की निर्धारित तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही राजनीतिक दल पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार प्रसार में जुट गए हैं। इण्डी गठबंधन के तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी ललितेशपति त्रिपाठी के चुनाव प्रचार के लिए बंगाल से पार्टी की महिला स्टार प्रचारक सोफिया खान के नेतृत्व में महिलाओं के पहुंचे एक प्रतिनिधि मंडल ने कमान संभाल रखा है।
78 भदोही लोकसभा संसदीय सीट पर आगामी 25 मई को चुनाव होना है। भाजपा ने मीरजापुर के मझवां विधायक डा. विनोद कुमार बिंद को चुनाव मैदान में उतारा है, तो वहीं बहुजन समाजवादी पार्टी ने दो बार प्रत्याशियों को बदलकर तीसरी बार में पार्टी के मीरजापुर मंडल कोऑर्डिनेटर हरिशंकर सिंह उर्फ दादा चौहान को टिकट दिया है। जबकि इण्डी गठबंधन ने तृणमूल कांग्रेस कोटे से ललितेशपति त्रिपाठी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है।
भाजपा प्रत्याशी डा.विनोद कुमार बिंद के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गत 16 मई को जहां भदोही में चुनावी रैली कर चुके हैं, वहीं राज्य सरकार के मंत्री क्रमशः एक के बाद एक भदोही में डेरा डालकर चुनावी रैलियां कर रहे हैं। अगर बात करें बहुजन समाज पार्टी की तो, प्रत्याशी हरिशंकर सिंह उर्फ दादा चौहान के समर्थन में पार्टी का कोई भी स्टार प्रचारक भदोही नहीं पहुंच पाया है।
इण्डी गठबंधन ने बंगाल की तृणमूल कांग्रेस कोटे से ललितेश पति त्रिपाठी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है, हालांकि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कांग्रेस अथवा गठबंधन में शमिल किसी अन्य दल से कोई स्टार प्रचारक अभी तक भदोही नहीं पहुंच पाया है। इण्डी गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी के सूत्रों की मानें तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ललितेशपति त्रिपाठी के समर्थन में आगामी 21 मई को भदोही में चुनावी रैली करने वाले हैं। तृणमूल कांग्रेस का कोई भी स्टार प्रचारक भले ही ललितेश पति त्रिपाठी के समर्थन में संसदीय क्षेत्र में न आया हो लेकिन बंगाल से महिला स्टार प्रचारक सोफिया खान के नेतृत्व में लगभग एक दर्जन महिलाओं का प्रतिनिधिमंडल संसदीय क्षेत्र के गांवों, बाजारों व शहरों का भ्रमण कर गठबंधन प्रत्याशी ललितेशपति त्रिपाठी के पक्ष में वोट देने का आह्वान करता दिखाई पड़ रहा है। बंगाल से आई ये शहरी महिलाएं भले ही गांवों में महिलाओं से सघन संपर्क कर रही हैं। प्रतिनिधिमंडल की महिलाओं के सामने जहां शुद्ध हिंदी बोलने की समस्या है वही संसदीय चुनाव क्षेत्र के गांवों की महिलाएं न तो बांग्ला भाषा समझ पा रही नहीं भोजपुरी से अपनी बातें प्रतिनिधिमंडल की महिलाओंको समझ पा रही हैं। चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है स्थानीय स्तर पर प्रचार प्रसार जोर पकड़ता जा रहा है





