नागेंद्र सिंह की रिपोर्ट
भदोही।500 वर्षों के एक लम्बे इंतजार और लाखों हिंदुओं के बलिदान के बाद श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भव्य नवनिर्माण के रूप में अंततः हिन्दू समाज का स्वप्न साकार होने जा रहा है। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के ओजस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों के फलस्वरूप आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा होने जा रही है। ऐसे पतित पावन सुअवसर का साक्षी बनने के लिए सरकार द्वारा पूरे देश से कुछ विशिष्ट लोगों को निमंत्रण पत्र भी भेजा जा रहा है। इसी क्रम में भदोही जनपद के भी कुछ लोगों को सरकार का निमंत्रण पत्र मिला है, जिसमें रोही गांव निवासी नित्य गोपाल दास जी के शिष्य व विश्व हिन्दू परिषद के विभाग धर्माचार्य प्रमुख स्वामी जय प्रकाश जी महाराज और अकोढा गांव निवासी जूना अखाड़ा के महंत काशीपुरी जी महाराज मुख्य रूप से हैं। मगर अफसोस जनक बात यह है कि रामानंद सागर की विश्वप्रसिद्ध टीवी सीरियल रामायण में जामवंत की जीवंत भूमिका निभाते हुए करोड़ों दिलों पर राज करने वाले भदोही जनपद के सुरियावां कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत हरिहरपुर निवासी पंडित राजशेखर उपाध्याय को सरकार निमंत्रण देना भूल गई। चूंकि हिन्दू समाज के लिए यह बहुत ही बड़ा उत्सव साबित होने जा रहा है, इसलिए हमने इस विषय में रामायण के जामवंत से मुलाकात की और जब उनसे इस विषय में बातचीत की तो उनकी छिपी हुई पीड़ा की झलक हमें उनके जवाब में मिला। ऐसे ऐतिहासिक रामायण सीरियल के जीवंत कलाकार को सरकार की तरफ से निमंत्रण मिलेगा या ऐसे ऐतिहासिक पुरूष के विषय में अनभिज्ञ जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण ये उपेक्षा के शिकार होंगे, यह बात भविष्य के गर्भ में है।





