अभिभावक के अचानक गायब होने से भुखमरी के प्रकार में पहुंचा उसका सात सदस्यीय परिवार
चौरी ( भदोही)। तीन सप्ताह से गुमनामी के अंधेरे में गुम राजगीर की गुमशुदगी दर्ज कर पुलिस हाथ पर हाथ रखकर बैठ गई। रोज कमाने व खाने वाले परिवार के मुखिया के गायब होने से मजदूर का 7 सदस्यीय परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार चौरी थाने के मई हरदोपट्टी गांव निवासी विक्रमा गोड का 35 वर्षीय पुत्र चंद्रभान राजगीर का काम करता है। राजगीरी से मिलने वाली मजदूरी से ही उसके परिवार का खर्च चलता है अगर दो-चार दिन काम न मिला तो परिवार के सामने फांका मारने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इन परिस्थितियों में परिवार का इकलौता सदस्य लंबे समय तक काम न मिलने से कर्ज में चल रहा था। क्षेत्र में काम न मिलने के कारण कई दिनों तक घर बैठे रहने के कारण परिवार के सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई थी। इस बीच उसकी मुलाकात वाराणसी के एक व्यक्ति से हुई जो काम दिलाने के बहाने राजगीर को अपने साथ वाराणसी ले गया। घर से साथ निकलते समय संबंधित व्यक्ति ने अपना मोबाइल नंबर भी दिया था। काम पर जाने के बाद कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक-ठाक चला रहा इधर लगभग 3 सप्ताह से राजगीर व उसे ले जाने वाले व्यक्ति दोनों का मोबाइल स्विच ऑफ बता रहा है। राजगीर का कहीं अता-पता न लगने से परिजन बेहद परेशान हैं।
थक हारकर राजगीर की औरत ने चौरी थाना पुलिस में गुमशुदगी दर्ज कराया है। मामला दर्ज कर पुलिस हाथ पैर हाथ रख कर बैठ गई। उधर परिवार के मुखिया के गायब होने से रोज कमाने खाने वाले इस परिवार के सामने दो वक्त की रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। परिवार में दंपति के अतिरिक्त तीन बेटियां व दो छोटे-छोटे बेटे हैं। जिनकी पढ़ाई लिखाई व पालन पोषण करने वाले परिवार के एकलौते सदस्य के अचानक गायब होने से परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है





