जौनपुर में ट्रिपल मर्डर की खौफनाक रात: सिर पर भारी हथियार का वार, दहशत में शह
उत्तर प्रदेश के जौनपुर का शांत सा शहर जफराबाद एक ऐसी भयावह रात का गवाह बना, जिसने हर किसी के रोंगटे खड़े कर दिए। नेवादा बाईपास के पास स्थित लालजी वेल्डिंग वर्कशॉप, जो कभी मेहनत और जीविकोपार्जन का प्रतीक थी, रातों-रात एक खूनी मंजर में तब्दील हो गई। पिता लालजी, उनके दो बेटों गुड्डू कुमार और यादवीर की निर्मम हत्या ने पूरे जौनपुर को हिलाकर रख दिया। तीनों के सिर पर गहरी चोटों के निशान और बिखरा खून इस बात की गवाही दे रहा था कि हत्यारे ने कितनी बेरहमी से इस वारदात को अंजाम दिया।
खौफ का मंजर
पुलिस को सूचना मिली कि जफराबाद थाना क्षेत्र में एक वेल्डिंग वर्कशॉप में तीन शव पड़े हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने जो देखा, वह किसी के भी होश उड़ा देने वाला था। वर्कशॉप के फर्श पर लालजी, गुड्डू और यादवीर के शव खून से लथपथ पड़े थे। प्रारंभिक जांच में पता चला कि हत्यारे ने किसी भारी हथियार, संभवतः हथौड़े से, तीनों के सिर पर वार किया। हत्या इतनी क्रूर थी कि तीनों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। मौके से बरामद चार मोबाइल फोन और एक हथौड़ा इस गुत्थी को और उलझा रहे थे।
विवाद की आशंका
पुलिस ने पीड़ित परिवार से बात की तो एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ। परिवार ने बताया कि लालजी और उनके बेटों का कुछ लोगों से पुराना विवाद चल रहा था। क्या यह विवाद ही इस तिहरे हत्याकांड की वजह बना? पुलिस ने परिवार के बयान दर्ज किए और हर संभावित कोण से जांच शुरू कर दी। जौनपुर के एसपी ने मीडिया को बताया, “हमने आठ पुलिस टीमों का गठन किया है। हर सबूत, हर सुराग को बारीकी से खंगाला जा रहा है। जल्द ही इस मामले का खुलासा होगा और हत्यारे सलाखों के पीछे होंगे।”
शहर में दहशत का आलम
यह हत्याकांड जौनपुर के लिए सिर्फ एक अपराध की घटना नहीं, बल्कि एक गहरे सदमे की तरह है। जिस वर्कशॉप में कभी लालजी और उनके बेटे दिन-रात मेहनत करते थे, वह अब खून के धब्बों और अनसुलझे सवालों का ठिकाना बन चुकी है। स्थानीय लोग सहमे हुए हैं। पड़ोसियों के बीच चर्चा है कि क्या यह पुरानी रंजिश का नतीजा था या फिर कोई और साजिश? हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर वह कौन सा विवाद था, जिसने एक ही रात में एक परिवार को नेस्तनाबूद कर दिया।
पुलिस की चुनौती
पुलिस के सामने अब एक जटिल चुनौती है। हथौड़े जैसे हथियार, चार मोबाइल फोन और परिवार के बयानों के आधार पर उन्हें उस हत्यारे तक पहुंचना है, जिसने इस वारदात को इतनी सटीकता और क्रूरता से अंजाम दिया। क्या यह सुनियोजित साजिश थी? क्या हत्यारा कोई जान-पहचान वाला था या कोई बाहरी? इन सवालों के जवाब अब पुलिस की जांच पर टिके हैं।
इंतजार में जौनपुर
जौनपुर की गलियों में अब डर का माहौल है। लोग चाहते हैं कि इस खौफनाक हत्याकांड का सच जल्द सामने आए। लालजी और उनके बेटों का परिवार अब सिर्फ न्याय की आस में है। यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि अनसुलझे विवाद और नफरत कितने खतरनाक परिणाम ला सकते हैं।
पुलिस ने वादा किया है कि हत्यारे जल्द पकड़े जाएंगे। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह वादा जौनपुर के लोगों को सुकून दे पाएगा? या फिर यह खौफनाक रात शहर की यादों में हमेशा के लिए एक दाग बनकर रह जाएगी?





