उत्तर प्रदेश

मशरूम की औद्योगिक खेती से किसानों की सुधरेगी आर्थिक सेहत, बच्चों का कुपोषण होगा दूर

भदोही। राज्य सरकार की पहल रंग लाई तो जहां भरपूर प्रोटीन से नौनिहालों की सेहत में सुधार होगा वहीं दूसरी ओर मशरूम जैसी फसल के उत्पादन से घर बैठे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
जिला उद्यान अधिकारी ममता सिंह यादव ने बताया कि जिले के किसानों को आर्थिक खेती से जोड़ने के लिए पहली बार मशरूम की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। वैज्ञानिक तौर तरीकों का उपयोग कर किसानों को प्रशिक्षित करने की अतिमहत्वाकांक्षी योजना तैयार की गई है। योजना के प्रथम चरण में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत बैंकों से ऋण दिलवाकर किसानों को मशरूम की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। प्रयोग के तौर पर भदोही विकासखंड के अशोगापुर निवासी जिलाजीत यादव से 2000 वर्ग मीटर, प्रमोद तिवारी 2500 वर्ग मीटर व विकास खंड डीघ के लाला नगर निवासी लीलाधर पाठक से लगभग 3000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में मशरूम की खेती कराई गई है। मशरूम की खेती को वैज्ञानिक तौर तरीकों से करने के लिए उन्हें विधिवत प्रशिक्षित किया गया है क्योंकि मशरूम की खेती खुले आसमान में न होकर विशेष तरह के नमीं युक्त शेड में की जाती है। मशरूम का उत्पादन क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए लगातार किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकार भी इस औद्योगिक खेती को
प्रोत्साहित करने के लिए बैंक ऋण पर 35 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है।
जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि तैयार मशरूम के लिए बाजार भी तलाशने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी क्योंकि इस समय शादी समारोहों व विशिष्ट प्रयोजनों में मशरूम की सब्जी व अन्य विशेष पकवान मेहमानों को परोसने का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। खूले बाजार में इस समय मशरूम 900 से 1000 रूपए प्रति किलो के भाव से बिक रहा है। ऐसे में मशरूम किसानों को उत्पाद की बिक्री के लिए इधर उधर भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
उधर बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि मशरूम की स्थानीय स्तर पर भरपूर उपलब्धता व बच्चों को पौष्टिक तथा विटामिनयुक्त भोजन
उपलब्ध कराने की मंशा से जिले के दो विकासखंडों औराई व ज्ञानपुर के बेसिक स्कूलों में प्रयोग के तौर पर मशरूम की खिचड़ी परोसने का काम शुरू कर दिया गया है। जो रूचिकर होने के कारण बच्चों को खूब रास आ रही है। जिले के अन्य सभी विकासखंडों के बेसिक विद्यालयों में जल्द ही मशरूम की पौष्टिक खिचड़ी परोसने की रणनीति बनाई गई है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मईहरदोपट्टी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. आर भारती ने बताया कि मशरूम मल्टीविटामिन से युक्त होता है जिसमें कैल्शियम, आयरन, खनीज, लवण व अन्य विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। मशरूम के सेवन से बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास तो होगा ही साथ ही कुपोषण की समस्या का स्थाई समाधान भी मिलेगा।

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