भदोही। जिले की जिला जेल के बंदी प्रयागराज स्थित गंगा, जमुना और सरस्वती के पवित्र संगम के जल से स्नान कर सुखद अनुभूति करते हुए गंगा मैया का जयकारा लगाया।
कारागार अधीक्षक अभिषेक सिंह ने बताया कि
कारागार मंत्री उ०प्र० श्री दारा सिंह चौहान द्वारा दिए गए निर्देश एवं कारागार मुख्यालय से प्राप्त आदेश के अनुपालन में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार महाकुंभ प्रयागराज से प्राप्त पवित्र गंगा जल से कारागार में पूरे विधि-विधान से कलश स्थापना एवं पूजा अर्चना की गयी। पतित-पावनी गंगा के पवित्र जल को बंदियों के स्नानार्थ कारागार के स्नानागार में मिलाया गया। तैयार अमृत गंगा जल से बंदियों ने स्नान कर एक सुखद अनुभूति की तथा गंगा मैया की जय का जयकारा किया। महाकुंभ के पवित्र गंगाजल से स्नान कर जेल के सभी बंदी प्रफुल्लित नजर आए।
इस दौरान जेल अधीक्षक ने पवित्र गंगाजल के महामात्य के विषय में बंदियों को विस्तार से बताया। पौराणिक मान्यताओं का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि स्वर्ग से पतित पावनी गंगा का अवतरण मानव मात्र के कल्याण के लिए हुआ है। गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए राजा भगीरथ ने घोर तपस्या की थी। इसीलिए मां गंगा का एक नाम भागीरथी भी है। उनकी घोर तपस्या का परिणाम है कि आज कलयुग में भी पतित पावनी गंगा मानव जाति की तारणहार के रूप में विद्यमान हैं। पौराणिक मान्यता है कि कुंभ के समय गंगा का अमृत जल मनुष्य के पाप कर्मों से मुक्ति दिलाता है।
इस अवसर पर सूबेदार यादव जेलर, अश्वनी कुमार उपाध्याय उपकारापाल तथा कारागार के अन्य कर्मचारी उपस्थित रहें





