उत्तर प्रदेश

मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के नाम पर दस लाख ठगी के मामले में मुकदमा दर्ज

मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के नाम पर दस लाख ठगी के मामले में मुकदमा दर्ज

तीन माह से उच्च अधिकारियों के यहां गुहार लगाने पर दर्ज हुआ मुकदमा

सुरियांवा।। नगर पंचायत सुरियावा के वार्ड नंबर 6 इंदिरा नगर निवासी गुफरान हाशमी के मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के नाम पर दस लाख रुपया ठगी के मामले में वाराणसी निवासी रोहित रंजन के विरुद्ध संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया। उक्त ठगी गवर्नमेंट ऑफ वेस्ट बंगाल मेडिकल कॉलेज कोलकाता में एडमिशन के नाम पर हुई।
भुक्त भोगी इमरान हाशमी ने बताया कि उसने 2023 ,24 की नीट की परीक्षा पास की मेरिट कम होने से उसे सरकारी कॉलेज में दाखिला नहीं मिल सका। 25 सितंबर 23 को एक बार फोन आया कि मैं रोहित रंजन बोल रहा हूं मैं काउंसलिंग कमेटी का सदस्य हूं और बोला कि मेडिकल की पढ़ाई को उसे सागर दत्ता कॉलेज व मेडिकल कॉलेज कोलकाता में प्रवेश मिल जाएगा वह सभी मूल शैक्षिक प्रमाण पत्र लेकर कोलकाता मेडिकल कॉलेज आए। सब सूचना पर वह 10 दिन बाद गया कॉलेज के गेट नंबर 3 पर 3 लोग मिले उसे कॉलेज के अंदर नोडल ऑफिसर के पास ले गए वहां उसे प्रोविजनल एलॉटमेंट लेकर दिया गया और कहा कि प्रवेश के लिए मेडिकल काउंसलिंग कमिटी दिल्ली से पत्र आया है उसने अपना मोबाइल नंबर दिया कहा कि कॉलेज का नाम से 15200 भेज दो। उसके बाद उसे परवेज फॉर्म दिया गया। 7 अक्टूबर को फिर उसे फोन आया वह गया तो उसे गवर्नमेंट मेडिकल आप वेस्ट बेंगल मेडिकल कॉलेज का प्रवेश पत्र दिया। उसे पत्र में लिखा था कि 26 से 31 अक्टूबर के बीच उसे कॉलेज में पढ़ाई को आना है। इस बीच 10 अक्टूबर नोडल अफसर रोहित रंजन के नाम से फोन आया कि एक खाता भेजा गया है उसमें दो लाख जमा करा दें, मैं हॉस्टल फीस वह अन्य जमा होगा। के बाद 12 अक्टूबर को 2 लाख, 14 तारीख को एक लाख रुपये मंगाए। 3 नवंबर को उससे 5 लाख रुपये और मांगे। असमर्थता जताने पर कहां गया कि पूर्व का पैसा डूब जाएगा। जैसे तैसे करके उसने पांच लाख रुपये और दे दिए। कहां गया कि 16 नवंबर को कॉलेज चले आओ वह कॉलेज के एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक गया तो रंजन मिले उन्होंने प्रिंसिपल के यहां जाने को कहा, प्रिंसिपल ने उसका पत्र देखते ही इसे फर्जी बताया उसने कहा कि उसे 10 लाख रुपये लिए गए हैं। पर मुझे धमक कर वापस कर दिया गया। भूख भोगी ने सुदामा थाने में मुकदमा पंजीकृत करने के लिए 3 माह से दौड़ रहा था पुलिस उसे टाल मटोल करता रहा आखिरकार उसने आईजी डीआईजी यहां की मुख्यमंत्री के यहां पत्र प्रेषित कर मुकदमा पंजीकृत करने की गुहार लगाई थी। नवागत थाना अध्यक्ष राम नगीना यादव ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना के लिए सब इंस्पेक्टर धीरज यादव दिया गया।

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