उत्तर प्रदेश

मोरवा नदी का पुनरोद्धार,पर्यावरण और ग्रामीण जीवन को नई ऊर्जा: सांसद

मोरवा नदी का पुनरोद्धार,पर्यावरण और ग्रामीण जीवन को नई ऊर्जा: सांसद
भदोही। एक जनपद–एक नदी पुनरोद्धार अभियान के अंतर्गत स्थानीय नदी मोरवा के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु रविवार को करीगांव कुशौली में भव्य शुभारंभ समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सांसद डॉ.विनोद कुमार बिंद, जिला पंचायत अध्यक्ष अनिरुद्ध त्रिपाठी, डीएम शैलेष कुमार, सीडीओ बाल गोविंद शुक्ल द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना, वृक्षारोपण एवं फावड़ा उठाकर सिल्ट सफाई कार्य का शुभारंभ किया गया। “मोरवा पुनरोद्धार : एक मुहिम—जनभागीदारी की” के आह्वान पर उपस्थित जनपदवासियों ने विशाल स्तर पर श्रमदान कर नदी के पुनरोद्धार हेतु सामूहिक संकल्प लिया। सांसद डॉ.विनोद कुमार बिंद ने कहा कि नदी केवल जलस्रोत नहीं बल्कि हमारी संस्कृति, कृषि और आजीविका की आधारशिला है। मोरवा नदी का पुनरोद्धार जनपद के पर्यावरण और ग्रामीण जीवन को नई ऊर्जा देगा। जनभागीदारी से चलने वाला यह अभियान अवश्य सफल होगा। जिला पंचायत अध्यक्ष अनिरुद्ध त्रिपाठी ने बताया कि “मोरवा नदी का पुनर्जीवन केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं बल्कि जनपद की सामूहिक जिम्मेदारी है। जब जनता और प्रशासन एक साथ काम करें, तो प्रकृति संरक्षण की दिशा में बड़ा परिवर्तन संभव है। डीएम शैलेष कुमार ने बताया मुख्यमंत्री के मंशानुरूप ‘एक जनपद–एक नदी’ पुनरोद्धार अभियान के तहत जनपद की स्थानीय एवं महत्वपूर्ण नदी मोरवा के संवर्धन के कार्य का शुभारंभ किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य नदी के प्राकृतिक प्रवाह को पुनर्स्थापित करना, पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना तथा तटवर्ती ग्रामों को स्थायी लाभ प्रदान करना है। एक जनपद–एक नदी अभियान का उद्देश्य जनपद की प्रमुख नदियों का पुनर्जीवन, संरक्षण एवं पर्यावरणीय संतुलन स्थापित करना है। इसी क्रम में जनपद-भदोही की ऐतिहासिक एवं उपयोगी मोरवा नदी के पुनरोद्धार की शुरुआत की गई है। उन्होंने नदी के भूगोल एवं प्रवाह तंत्र पर प्रकाश डालते हुए बताया मोरवा नदी का उद्गम नारायणी झील ब्लाक ज्ञानपुर में है। इसकी कुल लंबाई 54.600 किमी है। यह नदी ब्लाक ज्ञानपुर के अनेक ग्रामों से होते हुए जिला मुख्यालय, ज्ञानपुर-भदोही मार्ग, भदोही–मिर्जापुर मार्ग तथा भदोही–वाराणसी रेलवे लाइन को पार करती हुई आगे बढ़ती है। नदी कुल 48 ग्रामों से होकर गुजरती है ब्लाक ज्ञानपुर के 25 ग्राम, डीघ का 01 ग्राम, भदोही के 22 ग्राम। आगे यह नदी वरूणा नदी में जाकर मिलती है। अधिशासी अभियंता ड्रेनेज खंड फतेहपुर अरविंद कुमार पांडेय ने मोरवा नदी के प्रवाह तंत्र की विस्तृत तकनीकी जानकारी प्रस्तुत करते हुए बताया वरूणा नदी में गिरने वाले स्थल (हेड/डिस्चार्ज) पर मोरवा नदी का शीर्ष निस्सरण 26.09 म्यूमेक (921.36 क्यूसेक) है। उद्गम के पास नदी की चौड़ाई 7.00 मीटर, जबकि विलय स्थल पर चौड़ाई 18.00 मीटर है। नदी का कुल कैचमेंट एरिया 19,500 हेक्टेयर है। नदी की धारा में कई प्रमुख ड्रेन मिलते हैं नगवा ड्रेन, पिपरिस ड्रेन, पिपरिस कटियारी ड्रेन, जंगला ड्रेन, कटहिया ड्रेन, बैराखास ड्रेन, बाहा ड्रेन, दरीबपुर ड्रेन। इन सभी ड्रेनों का संयुक्त प्रवाह मोरवा नदी में पहुंचता है जिसके अनुरक्षण एवं सिल्ट सफाई का कार्य वर्तमान में प्रगतिशील है। सीडीओ बाल गोविंद शुक्ला ने उद्देश्य एवं अपेक्षित परिणाम पर बताया कि अभियान के माध्यम से मोरवा नदी की धारा को अविरल व स्वच्छ बनाना, सिल्ट एवं अवरोधों को हटाकर प्रवाह क्षमता बढ़ाना, पर्यावरण संरक्षण, भू-जल स्तर में सुधार, बाढ़ नियंत्रण एवं तटवर्ती ग्रामों को लाभ पहुंचाना मुख्य लक्ष्य निर्धारित हैं। मोरवा नदी के पुनरोद्धार हेतु प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, विभागीय अधिकारियों एवं ग्रामीणों की सक्रिय सहभागिता इस अभियान को जन-आंदोलन बनाकर जनपद में पर्यावरणीय जागरूकता और विकास के नये अध्याय की शुरुआत करेगी। कार्यक्रम में रामगोपाल अधीक्षण अभियंता ड्रेनेज कानपुर मंडल, राजकुमार बिदं, संजय बिंद, डीसी स्वत:रोजगार अनुराग राय, डीआईओ डॉ.पंकज कुमार, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के एई वीके सिंह, जेई विशाल दुबे, स्टार कटिहार, ग्राम प्रधान कुसौली पंकज साहनी, कांरीगांव बड़ेलाल यादव, बीएल पाल उपस्थित रहे।

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