वन नेशन वन इलेक्शन की जरूरत आखिर क्यों – भास्कर
भदोही। वन लेसन वन इलेक्शन के लिए संविधान संशोधन की जरूरत विषयक एक संगोष्ठी औराई विधायक दीनानाथ भास्कर की आवास पर सोमवार को संपन्न हुई, जिसमें वक्ताओं ने उपस्थित लोगों के बीच संविधान संशोधन की जरूरत पर अपने-अपने विचार साझा किया।
विधायक दीनानाथ भास्कर ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन के लिए संविधान संशोधन की जरूरत क्यों क्योंकि वर्तमान में लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं का कार्यकाल अलग-अलग चल रहा है। ऐसे में एक साथ चुनाव कराने के लिए कुछ राज्यों के कार्यकाल को आगे बढ़ना पड़ेगा और कुछ को समय से पूर्व भंग करना पड़ेगा। इसके लिए संविधान में संशोधन की जरूरत पड़ेगी।
मुख्य अतिथि दीनानाथ भास्कर ने आगे भी कहा संविधान में कौन-कौन से संशोधन किए जाएंगे जिसका जिक्र करते हुए मुख्य अतिथि दीनानाथ भास्कर ने कहा संविधान के अनुच्छेद 82 ए में लोकसभा के कार्यकाल का जिक्र है वहीं अनुच्छेद 172 के खंड 3.4 और 5 में राज्य की विधानसभाओं का जिक्र है इसीलिए वन नेशन वन इलेक्शन के लिए इनमें संशोधन की जरूरत होगी सरकार संसद में कौन-कौन से बिल लेकर आएगी इस पर आगे की कालखंड में स्पष्ट रूप कहा जाएगा जिला अध्यक्ष दीपक मिश्रा ने कहा क्या देश में पहले कभी एक साथ चुनाव हुए थे जिला अध्यक्ष दीपक मिश्रा अपने संबोधन में आगे बताया जी हां आजादी के बाद देश के पहले 4 चुनाव एक साथ हुए थे 1951 1952 1957 1962 और 1967 में एक साथ ही लोकसभा विधानसभा के चुनाव हुए थे जब एक साथ चुनाव हो रहे थे जिसका सिलसिला टूटा कैसे 1969 में बिहार के मुख्यमंत्री भोला पासवान शास्त्री थे लेकिन उनकी सरकार अल्पमत में आ गई थी और इस कारण विधानसभा को भंग करना पड़ा था वहीं तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 11 महीना पहले लोकसभा चुनाव कराने का फैसला किया इसलिए 1970 में ही लोकसभा चुनाव करने पड़े थे तब से चुनाव का सिलसिला बिगड़ा हुआ आज तक चल रहा है कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र दुबे नागेंद्र सिंह नंदलाल पांडेय कुंवर प्रमोद चंद मौर्य संयोजक अखिलेंद्र सिंह बघेल चिंटू नवीन मिश्रा सेफ नारायण पाठक मोहित दीपक तिवारी दीपक तिवारी संजय सिंह राकेश सिंह बिजेंदर शुभम अमलेश इत्यादि वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित रहे।





