भारतीय बुनकर कामगारों ने
पर्शियन डिजाइन में दुनियां की सबसे बड़ी हैंडमेड टफ्टेड कालीन बनाने का दावा किया है। यह कालीन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल होकर कजाकिस्तान के आस्ताना शहर स्थित ग्रैंड मस्जिद की शोभा बढ़ा रही है।
कालीन निर्यातक रवि पाटोदिया ने बताया कि वर्ष 2021 समय का एक दौर था, जब कोरोना के कहर से पूरी दुनिया कराह रही थी। इस दौर में उनके एक पुराने बायर ने एक भारी भरकम हैंडमेड कालीन का आर्डर दिया था। जिसका क्षेत्रफल 12.66 हजार वर्गमीटर था। इस कालीन को 1000 से अधिक बुनकर व मजदूरों ने लगभग 6 महीने के भारी भरकम प्रयास के बाद तैयार किया था। यह कालीन कजाकिस्तान के अस्ताना शहर स्थित मध्य एशिया की सबसे ग्रैंड मस्जिद में बिछाई गई है। 19 सितंबर 2025 को इसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। यह पहला मौका था जब दुनिया के सबसे बड़े इस कालीन को विश्व कीर्तिमान की सूची में शामिल किया गया हो। इस कालीन को तैयार करने में 1.5 मिलियन यूएस डॉलर खर्च हुए हैं।
श्री पाटोदिया ने बताया कि इस भारी-भरकम कालीन का ऑर्डर प्राप्त करने की भी कहानी काफी दिलचस्प है। इस कालीन का निर्यात ऑर्डर प्राप्त करने के लिए चीन अमेरिका सहित कई अन्य बड़े देशों ने एड़ी से चोटी का जोर लगा दिया था। लेकिन अंत में भारत पर लोगों ने विश्वास किया। मस्जिद में कालीन को सेट कराने में लगभग दो माह का समय लगा। कालीन की डिजाइन मस्जिद के बगीचे और जन्नत-उल-फिरदौस से ली गई है। इस कार्पेट पर 30 हजार लोग एकसाथ बैठकर नमाज पढ़ सकते हैं।
उन्होंने बताया कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए आवेदन 19 मार्च 2025 में किया गया था। जिसकी जांच अंतरराष्ट्रीय एजेंसी द्वारा कराई गई थी मानक पर खरा उतरने पर 6 अक्टूबर 2025 को उन्हें अमेरिका कार्यालय से ऑनलाइन जानकारी देते हुए बताया गया कि इस कालीन को दुनियां का सबसे बड़ा हैंडमेड टफ्टेड पर्शियन कालीन होने का दावा एजेंसी की कसौटी पर खरा उतरा है।







